Friday, December 10, 2010

Mera Kya Kasoor Tha?

This is a question of a 2 year old innocent baby, Swastika Sharma who was ruthlessly killed in the VARANASI BOMB BLASTS....on 7th December, 2010...May her innocent soul Rest In Peace....


खिलने से पहले तोड़ दिया मुझको,
मेरा क्या कसूर था?

अभी तो मैं खड़ी भी नहीं हुई थी अपने पैरों पर ढंग से,
तुमने एक झटके में गिरा दिया मुझको-
मेरा क्या कसूर था?

अभी तो आँखें खोलकर सही से देखा भी नहीं था मैंने दुनिया को,
तुमने सुला दिया मुझको,
मेरा क्या कसूर था?

२ बरस तक नहीं हुए थे मुझे इस दुनिया में कदम रखे,
तुमने हमेशा के लिए वापस भेज दिया मुझको,
बोलो... मेरा क्या कसूर था?

अभी तो सही से गोद में उठाया तक न था मेरी माँ ने मुझको,
मुझे उससे दूर भेज दिया तुमने,
आखिर....मेरा क्या कसूर था?

अभी तो पैदा हुई थी मैं,
किलकारी मारी थी,
मेरे पापा ने सीने से लगाया था मुझको,
अभी-अभी तो मेरी ज़िन्दगी की रोशनी को महसूस किया था,
और तुमने मुझे बुझा दिया,
बताओ...मेरा क्या कसूर था?

अब वो मेरी थमी हुई साँसों मं लिपटे हुए मुझे झकझोर रहे हैं-
कह रहे हैं...एक बार सास ले बेटा,
एक बार रो दे,
 एक बार पापा बोल के वापस मुझे देखके मुस्कुरा दे,
एक बार....बस एक बार अपनी थमी हुई साँस,रुकी हुई धड़कन को चला दे.

मेरी आत्मा तड़प रही है,
बिलख रही है,
वो बस एक बार आखें खोलके उनके हर अरमान को पूरा करना चाहती है,
एक बार उन्हें देखकर हँसना चाहती है,
एक बार उन्हें पुकारना चाहती है,
एक बार उन्हें छूना चाहती है,
ताकि वो उन यादों को अपने पास संजोके जी सकें,
पर तुमने  मार दिया मुझको,
जवाब दो...मेरा क्या कसूर था?

मैं अब वापस नहीं आउंगी,
कभी उनके आसुओं को हँसी में नहीं बदल पाऊँगी,
कभी नहीं बता पाऊँगी की कितना  प्यार करती हूँ मैं उनसे,
कितना याद करती हूँ मैं उन्हें.

पर देखोना मरते-मरते तुमसे कुछ पूछ गयी हूँ मैं,
और इसका जवाब तुम सारी उम्र नहीं दे पाओगे,
और इतना मुझे पता है की मुझ जैसे कितने ही मासूमों को मारदो तुम ,
पर तुम कभी अपने पाप पे हँस नहीं पाओगे,
जीत नहीं पाओगे,
पर फिर भी कभी देपाना अगर जवाब तो बताना मुझे,
आखिर मेरा क्या कसूर था???